September 01, 2025 - BY Admin

"एनजीओ और समाजसेवा संस्थाओं के लिए सेक्शन 8 कंपनी क्यों जरूरी है? | Section 8 Company Benefits in India

एनजीओ और समाजसेवा संस्थाओं के लिए सेक्शन 8 कंपनी क्यों जरूरी है?

भारत में हजारों एनजीओ और समाजसेवा संस्थाएँ शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में काम कर रही हैं। लेकिन किसी भी संस्था को लंबे समय तक चलाने और बड़े स्तर पर फंडिंग प्राप्त करने के लिए उसे कानूनी मान्यता और विश्वसनीयता की आवश्यकता होती है।
इसी उद्देश्य से कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 (Section 8) के तहत बनाई गई कंपनियाँ एक मजबूत कानूनी ढांचा प्रदान करती हैं।


📌 सेक्शन 8 कंपनी क्या है?

सेक्शन 8 कंपनी एक नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन (NPO) होती है, जिसका उद्देश्य लाभ कमाना नहीं बल्कि समाजहित में कार्य करना होता है।
यह संस्था शिक्षा, स्वास्थ्य, कला-संस्कृति, ग्रामीण विकास और अन्य सामाजिक कल्याण कार्यों में कार्य कर सकती है।

👉 विशेष बात यह है कि इस कंपनी का लाभ सदस्यों में बाँटा नहीं जाता, बल्कि सामाजिक कार्यों पर ही खर्च किया जाता है।


📌 एनजीओ और समाजसेवा संस्थाओं के लिए सेक्शन 8 कंपनी के लाभ

  1. उच्च विश्वसनीयता (High Credibility)

    • यह कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत होती है।

    • CSR और सरकारी फंडिंग लेने में आसानी होती है।

  2. टैक्स लाभ (Tax Benefits)

    • सेक्शन 12A और 80G पंजीकरण मिलने पर डोनर और संस्था दोनों को टैक्स में राहत मिलती है।

  3. विदेशी फंडिंग (FCRA Registration)

    • सेक्शन 8 कंपनी को FCRA के जरिए विदेश से अनुदान लेने की पात्रता मिल सकती है।

  4. CSR फंडिंग का अवसर

    • बड़ी कंपनियाँ CSR (Corporate Social Responsibility) फंडिंग के लिए सेक्शन 8 कंपनियों को प्राथमिकता देती हैं।

  5. अलग कानूनी पहचान (Separate Legal Identity)

    • कंपनी अपने नाम से बैंक खाता खोल सकती है, संपत्ति ले सकती है और कानूनी कार्यवाही कर सकती है।

  6. पारदर्शिता और जवाबदेही

    • ROC को वार्षिक रिपोर्ट जमा करनी होती है, जिससे संस्था की पारदर्शिता और भरोसा बढ़ता है।


📌 अन्य विकल्पों से तुलना (Trust और NGO से बेहतर क्यों?

  • Trust – धार्मिक या छोटे सामाजिक कार्यों के लिए उपयुक्त, लेकिन फंडिंग और पारदर्शिता में कमी।

  • NGO (Society/Trust रूप में) – काम आसान है लेकिन CSR और विदेशी फंडिंग में मुश्किल।

  • Section 8 Company – सबसे अधिक विश्वसनीय, पारदर्शी और बड़े स्तर पर काम करने के लिए उपयुक्त


    📌 NGO, Trust और Section 8 Company में अंतर


    बिंदुNGO (सामान्य रूप)ट्रस्ट (Trust)सेक्शन 8 कंपनी (Section 8 Company)
    परिभाषाNGO एक सामान्य शब्द है, जिसका अर्थ है गैर-लाभकारी संस्था जो समाजसेवा करती है।ट्रस्ट भारतीय ट्रस्ट अधिनियम, 1882 के तहत पंजीकृत संस्था होती है।कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत रजिस्टर्ड नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन।
    कानूनी आधारयह कोई अलग कानूनी इकाई नहीं है, बल्कि एक रूपरेखा है।Indian Trusts Act, 1882 या राज्य ट्रस्ट अधिनियम।Companies Act, 2013 (Section 8)।
    स्थापना के लिए सदस्यनिर्भर करता है, कोई भी समूह/व्यक्ति बना सकता है।न्यूनतम 2 ट्रस्टी (कुछ राज्यों में 3)।प्राइवेट रूप में – कम से कम 2 सदस्य और 2 डायरेक्टर, पब्लिक रूप में – 7 सदस्य और 3 डायरेक्टर
    प्रबंधननियम संस्था के संविधान (Bylaws) से तय होते हैं।एक या अधिक ट्रस्टी पूरे ट्रस्ट को संचालित करते हैं।बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और शेयरहोल्डर्स (Members) द्वारा संचालन।
    विश्वसनीयताकम, क्योंकि यह सिर्फ एक सामान्य शब्द है।मध्यम – मान्यता है, लेकिन पारदर्शिता की कमी हो सकती है।उच्चतम – कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर और सरकारी नियंत्रण होने से विश्वसनीय।
    ऑडिट/अनुपालनकेवल तब जब रजिस्ट्रेशन लिया गया हो।सालाना रिपोर्ट/ऑडिट आवश्यक हो सकता है, लेकिन लचीला।अनिवार्य रूप से वार्षिक ऑडिट, ROC को रिपोर्टिंग और अनुपालन।
    टैक्स लाभयदि 12A/80G हो तो ही।12A और 80G रजिस्ट्रेशन लेकर टैक्स छूट मिल सकती है।12A, 80G और बाद में FCRA के जरिए टैक्स व विदेशी फंडिंग के लाभ।
    नामकोई भी नाम रखा जा सकता है।"Trust" शब्द जोड़ा जा सकता है।नाम में “Foundation, Association, Forum, Organisation, Council, Society” आदि।
    फंडिंग सुविधालोकल डोनेशन, CSR या सरकारी फंडिंग मिल सकती है, लेकिन लिमिटेड।दान (Donation) और धार्मिक/सामाजिक फंडिंग आसान।CSR, विदेशी फंडिंग और सरकारी योजनाओं के लिए सबसे उपयुक्त।
    पारदर्शिताकममध्यमअधिकतम (क्योंकि नियमित ROC रिपोर्टिंग होती है)।


    📌 पात्रता (Eligibility)

    • उद्देश्य – लाभ कमाना नहीं, बल्कि सामाजिक/चैरिटेबल कार्य करना।

    • सदस्य

      • प्राइवेट लिमिटेड रूप में: कम से कम 2 सदस्य और 2 डायरेक्टर

      • पब्लिक लिमिटेड रूप में: कम से कम 7 सदस्य और 3 डायरेक्टर

    • डायरेक्टर की योग्यता – भारतीय या विदेशी, दोनों हो सकते हैं।

    • नाम में शब्द – Foundation, Association, Organisation, Forum, Society आदि शामिल किए जा सकते हैं।


    📌 आवश्यक दस्तावेज़

    1. सभी डायरेक्टर्स का PAN कार्ड और आधार कार्ड,Voter Id Card, Bank Statement Current (Max 3 Month Old

    2. फोटो, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर

    3. कंपनी का पता प्रमाण (Address Proof) – बिजली बिल/टेलीफोन बिल

    4. रजिस्टर्ड ऑफिस का NOC (यदि किराए पर हो तो Rent Agreement

    5. रजिस्टर्ड  (यदि किराए पर हो तो Rent Agreement) Landlord का PAN कार्ड और आधार कार्ड




      अगर आप अपनी संस्था को कानूनी मान्यता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता देना चाहते हैं और बड़े स्तर पर CSR व सरकारी फंडिंग लेना चाहते हैं, तो सेक्शन 8 कंपनी आपके लिए सबसे सही विकल्प है।

      यह न केवल आपके काम को मजबूती देती है बल्कि समाज में आपकी संस्था की साख भी बढ़ाती है।



    6. ✨ समाजसेवा को नई पहचान दें – सेक्शन 8 कंपनी के साथ ✨

      क्या आप अपनी एनजीओ या समाजसेवी संस्था को और मज़बूत बनाना चाहते हैं?
      क्या आप चाहते हैं कि आपकी संस्था को कानूनी मान्यता, टैक्स लाभ और CSR फंडिंग मिले?

      👉 अब समय है अपनी संस्था को Section 8 Company के रूप में पंजीकृत करवाने का।
      हम आपको देंगे –
      ✅ पंजीकरण प्रक्रिया में पूर्ण मार्गदर्शन
      ✅ कानूनी दस्तावेज़ीकरण सपोर्ट
      ✅ 12A, 80G और FCRA रजिस्ट्रेशन की सुविधा
      ✅ CSR और सरकारी फंडिंग तक पहुँच


      📌 संपर्क करें

      📞 Call/WhatsApp: +91-9821692809

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